नया साल बेतुका है (घनाक्षरी)
नया साल बेतुका है (घनाक्षरी)
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नए वर्ष की मनाने खुशी हाथी दादा बोले
आज रात को डिनर होटल में खाएँगे
मस्ती में रात – भर झूमते रहेंगे हम
सुबह को मजे ले – लेकर घर आएँगे
घर से चले तो शीत – लहर थी चल रही
ठंडक ने कहा नाकों चने चबवाएँगे
सर्दी – जुकाम ग्रस्त हुए दादा बोले तब
नया साल बेतुका है हम न मनाएँगे
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रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ. प्र०) मो. 9997615451