नया साल की शुभकामनाएं
मनहरण घनाक्षरी
8,8,8,7 पर यति
मिलके मनाओ हर्ष
आ गया है नव वर्ष
पा जाएं सब उत्कर्ष
शुभ कर्म कीजिये।
भेद भाव भूलकर
साथ रहो मिलकर
झूठ दम्भ त्याग कर
सत्य रस पीजिए।
मन की हो पूर्ण आस
आय में बढ़े विकास
कीर्तिमान हो सदैव
दिव्य ज्ञान लीजिये।
ख़्वाबों की उड़ान भर
सौम्य तू विचार कर
जिंदगी को आप एक
नई राह दीजिये।
अभिनव मिश्र अदम्य
शाहजहांपुर, उ.प्र.