नया यह कैसा नया — !गीत
नीति बदली ,नियम भी बदले,बदल गया यह नजारा है।
आधुनिकता का ले के बहाना,बह रही कैसी यह धारा है।
नया यह कैसा नया,पुराना कहां गया।।
मात पिता के आगे बच्चे ,जाने में सकुचाते थे।
मान गुरु के कथन वचन आज्ञा शीश चड़ाते थे।।
मात पिता और उन्हीं गुरु को,युग ने चुप करा दिया।
नया यह कैसा नया,पुराना कहां गया।।
लेकर उड़ गई पेशन, मान शान और मर्यादा।
बता बता है युगधारा,है क्या तेरा और इरादा।।
लोक लाज को बचा ले अब,यह भाव हमें कब भाया।
नया यह कैसा नया, पुराना कहां गया।।
राजेश व्यास अनुनय