नया भारत
नया भारत
भारत ने फिर से किया, दुनिया का भ्रम दूर।
चंदा मामा है नहीं, अब भारत से दूर।।
दिग्भ्रमित सभी हो गए, पूंजीवादी देश।
कैसे इतना बदल गया, भारत का परिवेश।।
हम नभमंडल के सूरमा, कहते थे जो देश।
भारत देखा चांद पर, भूल गए उपदेश।।
यह भूमि आर्यभट्ट की, सन्धानों की खान।
विश्व लगा था भूलने , आज दे रहा ध्यान।।
©दुष्यन्त ‘बाबा’