नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यों करें हम !
यह काफ़ी है की हम दुश्मन नहीं हैं
वफादारी का दावा क्यों करें हम !
वफ़ा, इखलास, कुर्बानी और मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यों करें हम !”
नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यों करें हम !
यह काफ़ी है की हम दुश्मन नहीं हैं
वफादारी का दावा क्यों करें हम !
वफ़ा, इखलास, कुर्बानी और मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यों करें हम !”