नयन में काजल
नयन में काजल लगा हुआ है
सुहाग मेरा सजा हुआ है
पलक हमारा झपक गया जब
सजन उसी में समा हुआ है
उफान जो प्यार में उठा है
मुझे सदा यह नशा हुआ है
लगन गहन इश्क में लगी जब
ये दिल मिरा तो बटा हुआ है
कभी नहीं मानता हमारी
तभी ये बिचारा फ़सा हुआ है