नयनो का महिमा
नयनो का महिमा है अपरंपार.
होते है उन में नाना अविष्कार.
कभी फुलता है उनमे अंगार..
तो कभी दिखता है जहर अपार.
कभी दिखती है उनमे प्रेम की भावना.
तो कभी दिखती है उनमे अपार वेदना.
कभी उनमे होती है ममता और माया.
तो कभी दिखती है नफरत की छाया.
कभी दिखती है उनमे मे अपार ईर्षा.
तो वही दिखती है कभी प्रशंशा.
पुणे मे दिखती है सत्य की तेज प्रभा..
तो कभी दिखती है असत की आभा.
कभी दिखती है प्रबल वासना.
उन्हीमे मे दिखती है निर्मल प्रेम भावना.
कभी दिखता है वहा ज्ञान का भंडार.
तो कभी दिखता है अज्ञान का अंधकार.
ऐसी है नयनो की महिमा अपरंपार.
कुदरत का है ये अनोखा अविष्कार.
नाना रंग होते है उनमे साकार.
दिखता है विरोधी भावनाओका अविष्कार.