# नमस्कार …..
# नमस्कार ….
रात में
रात-रानी …
दिन में खिले
सूरजमुखी …
अगर-मगर
किंतु-परंतु …
इसलिए
किसलिए …?
हम भी
दुखी
तुम भी
दुखी …..!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छ. ग.)
# नमस्कार ….
रात में
रात-रानी …
दिन में खिले
सूरजमुखी …
अगर-मगर
किंतु-परंतु …
इसलिए
किसलिए …?
हम भी
दुखी
तुम भी
दुखी …..!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छ. ग.)