नमन है तुझको नारी , मेरा नमन (विश्व नारी दिवस के उपलक्ष्य में )
नमन है तुझको नारी, मेरा नमन
सलाम तमाम नारीत्व को
तुम लक्ष्मी की अवतार
दुर्गा की प्रतीक
सरस्वती सी आदर्श मूर्ती
धन-धान्य, साहस एवं विद्या की दात्री
ओ नारी, सृजन करती हो
अपने अस्तित्व को हर प्रकार से बचाए रख
युगों युगांतर से बारम्बार, बार-बार, हर बार
अग्नि परीक्षा से गुज़रती हो
उन आलाम्दारों और नम्बरदारों की इच्छा से
जिनका वजूद तुमसे, सिर्फ तुमसे है I
सीता तो हो नहीं
फिर यह परम्परा क्यों कायम रखो ?
उठो
रणबान्कुरी बन , लड़ो
अपने आन बान शान
और अधिकार के लिए
लोहा गर्म है वार करो
महिलांए कमज़ोर हैं
विषय यह समाप्त करो I
गुलामी की बेड़ियाँ काट
प्रतिकूल व्यहार , शोषण विरुद
अपने आत्मसम्मान , अभिमान के लिए
त्रिदेवियों का आवाहन करो
अभिषक करो, अभिषेक करो
त्रिदेवियों का सा पद ग्रहण करो
भगवान करे, ऐसा ही हो, ऐसा ही हो, ऐसा ही हो II
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