नमन पुलवामा के वीरों को
दिन हमारा शुभ है।
रात भी शुभ होगी ।।
पर सोचता हूँ
बेटा जब तिरंगे में
लिपटा हुआ आएगा
तो उस माँ को भी गर्व
होगा और पत्नी को भी
पर उस नन्हीं गुड़िया को
कैसे समझा पाएगी माँ
जो अभी-अभी ही दुनिया में
आई है।
माँ को भी आज उस बेटे के
बचपन की बरबस ही
आ रही होगी
जब माँ ने कहा था उससे
कुछ बड़ा बन जा
आज वो इतना बड़ा बन गया
है कि तिरंगे को
ओढ़कर आया है।।