नमन तुम्हें सूर्य देवता
भयो भौर
चहके पंछी
फैली
सुनहरी किरणें
भानु की
नम: भानु
नया दिवस
नया संदेशा
ले कर आया
भास्कर
नम: भास्कराय
झूम उठी
प्रकृति-प्रेम से
फैला उजियारा
चहुंओर
करने आराधना
सूर्य देव की
ऊँ सूर्य देवताय नमः
पिता तुल्य हैं
देव भास्कर
करते हैं
जग का
कल्याण
नमन तुम्हें
करते हैं
देव दानव
और मानव
तुम हो
जग के
पालनहार
ऊँ नमः ब्रहमा
ऊँ नमः विष्णु
ऊँ नमः महेश
ऊँ नमः भास्कर
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल