नमन उन वीर को दिल से,
नमन उन वीर को दिल से,
डिगे ना लक्ष्य से तिल भर।
लड़े जो मृत्यु बनकर ही,
झुकाया मृत्यु ने भी सर।
अमरता का हृदय पिघला,
सजे सिंदूर-बिंदी हर।
दुःख भी मौन रोता है,
सूने आँचल, राखी पर।
नमन उन वीर को दिल से,
डिगे ना लक्ष्य से तिल भर।
लड़े जो मृत्यु बनकर ही,
झुकाया मृत्यु ने भी सर।
अमरता का हृदय पिघला,
सजे सिंदूर-बिंदी हर।
दुःख भी मौन रोता है,
सूने आँचल, राखी पर।