नभ में था वो एक सितारा
नभ में था वो एक सितारा
लगता था हम सबको प्यारा
चमचमाके सबको हँसाता
सामने वो जब भी आता
ऊर्जा नई सबको दे जाता
दुःख दर्द अपना भूल जाते
संताप सबके यूँ मिट जाते
गहरी काली निशा आई
वो सितारा फिर कहीं खो गया
सिलसिला ठहाकों का थम गया
उठो ‘ राजू ‘ जग को हँसाओ
‘ गजोधर भैया ‘ खिलखिलाओ
मातम ये गहरा छाया है
हर दिल दुःख में दिखलाया है
अजब दुःख ये तुम दिला गए
राजू तुम सबको रुला गए
जहां में अमर हो जाओगे
सबके दिल में जगह बनाओगे
फिर नई दुनिया में जाना
हँसना व सबको हँसाना