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3 Jun 2022 · 1 min read

नफ़रत की फ़सल

हमने जो कभी नफ़रत की फसल बोई थी
उसमें तो तेजाबी फल ही आएंगे!
खाकर उन फलों को आने वाली नस्लों के,
चेहरे तो बदसूरत हो ही जाएंगे!!
वैसे पहले ही बहुत कुछ ख़त्म हो चुका है
हिंदू-मुस्लिम के लफड़े में हमारा!
कम से कम अपनी गैरत तो बचा लें हम
वर्ना दुनिया को क्या मुंह दिखाएंगे!!
Shekhar Chandra Mitra
#Communalism #riots #दंगा #Lynching #उत्पीड़न #सांप्रदायिकता #फिरकापरस्ती

Language: Hindi
135 Views
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