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11 Jun 2023 · 1 min read

नफरत

नफरतों ने कितनो के ईमान को है लूटा
किसी का मकान किसी का शहर है छूटा
नफरतों के बाजार में जमीर कहाँ है टिका
बेईमानो का साथ देकर अब इंसान है टूटा

अगर नफरत करोगे तो होगे तुम बदनाम
रोज मिलेगा तुम्‍हे एक आतंक का पैगाम
अगर थोडी सी भी बची तुझमें इनसानियत
छोड़ो इस नफरत को, करो प्‍यार से सलाम
अभिषेक शर्मा

Language: Hindi
154 Views
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