!! नफरत सी है मुझे !!
न जाने क्यूँ ऐसे लोगों से
नफरत सी है मुझे
जो होते कुछ हैं , पर
दिखाते कुछ और हैं !!
शायद वो मेरी समझ से
कहीं और निकले होते हैं
वो अपनी समझ की रफ़्तार से
चतुर ,पर खोते कुछ और हैं !!
जुबान पर रंग बदल कर
दिल में खंजर रखे होते हैं
न प्रेम , न सहयोग उनमें
पर नजर कुछ और है !!
नहीं चल पाया मैं उनके
साथ कदम मिला कर
क्यूंकि मेरे और उनके
रास्ते ही कुछ और हैं !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ