Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2021 · 1 min read

नफरत थी तुम्हें हमसे

नफरत थी तुम्हें हमसे
ये पूछ खुद से
कि तेरी तकदीर में क्या है।
जिसकी तलाश में
तु बरसो से है
अब तो
पूरी जिंदगी बीत गई
बता तेरे पास क्या है।

माना के मेरे पास
कुछ नहीं था।
तू नहीं था।
के वो नहीं था।
जो दिया मैंने
वो तूने
लिया नहीं था।
और जो मांगा मैंने
वो तूने दिया नहीं था।
और तू कहता है
के तेरे पास कुछ नहीं था।
कम था तेरे पास
जो तूने मुझे दिया नही था।…
swami ganganiya

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 2 Comments · 421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Swami Ganganiya
View all
You may also like:
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
तब गाँव हमे अपनाता है
तब गाँव हमे अपनाता है
संजय कुमार संजू
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
रुचि शर्मा
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
4967.*पूर्णिका*
4967.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महाकाव्य 'वीर-गाथा' का प्रथम खंड— 'पृष्ठभूमि'
महाकाव्य 'वीर-गाथा' का प्रथम खंड— 'पृष्ठभूमि'
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
💐*एक सेहरा* 💐
💐*एक सेहरा* 💐
Ravi Prakash
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
Phool gufran
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
Shweta Soni
"आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम
तुम
Rekha khichi
मुक्तक...
मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
मनोज कर्ण
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
वक़्त ने जिनकी
वक़्त ने जिनकी
Dr fauzia Naseem shad
संवाद
संवाद
surenderpal vaidya
■अतीत का आईना■
■अतीत का आईना■
*प्रणय*
उम्र बीत गई
उम्र बीत गई
Chitra Bisht
आज के युग में
आज के युग में "प्रेम" और "प्यार" के बीच सूक्ष्म लेकिन गहरा अ
पूर्वार्थ
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
जय लगन कुमार हैप्पी
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
नेताम आर सी
Loading...