नफरत थी तुम्हें हमसे
नफरत थी तुम्हें हमसे
ये पूछ खुद से
कि तेरी तकदीर में क्या है।
जिसकी तलाश में
तु बरसो से है
अब तो
पूरी जिंदगी बीत गई
बता तेरे पास क्या है।
माना के मेरे पास
कुछ नहीं था।
तू नहीं था।
के वो नहीं था।
जो दिया मैंने
वो तूने
लिया नहीं था।
और जो मांगा मैंने
वो तूने दिया नहीं था।
और तू कहता है
के तेरे पास कुछ नहीं था।
कम था तेरे पास
जो तूने मुझे दिया नही था।…
swami ganganiya