नफरत के बीज
कंचन से साफ मन को कभी धोया नही जाता,
रातों को पेड़ों के नीचे कभी सोया नही जाता।
हार कर खुद को तू यहाँ क्यों निराश बैठा है,
मुश्किल लाख आए हौसला खोया नही जाता।
जब चाहते हो कि हर कोई इंसान बन जाये,
नफरत के बीज दिलों में बोया नही जाता।
धर्म बांटते हो तो जरा सुनो लो ‘अमित’ की बात
इंसानियत जगाने निकलो तो सोया नही जाता।
अमित प्रसाद ‘आर्या’ आसनसोल(प.बंगाल)