परियां
मैं प्यारी नन्ही परी, है मस्तानी चाल।
छड़ी जादुई हाथ में, लाल गुलाबी गाल।
सारी दुनिया से परे, परियों का इक देश।
रहन सहन बिलकुल अलग ,रंग रूप औ’ वेश।
कोई भी प्रदूषण का, नही जानता नाम।
हरियाली है हर जगह, मिलकर करते काम।२।
इक थी नन्ही सी परी , मुखड़े पर था नूर।
बच्चों के मन में बसी , छल-प्रपंच से दूर।
-वेधा सिंह