नन्ही चिड़िया
मैं तेरी नन्ही चिड़िया हूं
आसमान में मुझे उड़ा दे
बेकरार हूं उड़ने को
मां मुझको इक पंख लगा दे
बादल के हाथी और घोड़े
मैं भैया के संग खेलूंगी
रोज दूर से दिखने वाले
चंदा मामा से मिल लूंगी
बस बाबा से हां करवा दे
मां मुझको इक पंख लगा दे
चमकीली बिजली से चमचम
घर अपना रोशन कर दूंगी
आसमान से तारे चुनकर
बाबा की जेबे भर दूंगी
बस दादी का मन बनवा दे
मां मुझको इक पंख लगा दे
सतरंगी चूनर ओढ़ूंगी
बूंदो की पायल पहनूंगी
बादल चाचा से काजल
मैं तेरे लिए खरीदूंगी
बस दादा को तू समझा दे
मां मुझको इक पंख लगा दे
नील गगन मे उड़ जाउंगीं
सपने पूरे कर आउंगी
मेरी चिंता तू मत करना
जल्दी घर वापस आऊंगी
थोड़ी सी हिम्मत दिखला दे
मां मुझको इक पंख लगा दे
सुषमा दुबे , विजयनगर इंदौर