नन्ही कली
परिवार में नवजात शिशु आगमन पर प्रस्तुत रचना :
किसलय की मुस्कान बनी ,
नवकिरण आगम प्रकाश बनी,
दिव्य रूप परी साक्षात बनी ,
जीवन संगीत मधुर झंकार बनी ,
प्रफुल्लित मनस प्रपात बनी ,
देवलोक प्रदत्त सौगात बनी ,
जीवन उपवन में उस नन्ही कली का आगमन ,
जैसे भाग्योदित रवि प्रकाश पुंजों का पदार्पण ,
नष्ट कर कष्ट तिमिर फैली खुशियां चहुँ ओर ,
जीवन आलोकित कर आयी नवजीवन भोर ,