नन्हीं गुड़िया
मैं नन्ही सी प्यारी गुडिया
मम्मी की दुलारी गुडिया
चंदा है मामा मेरे
पापा के मन न भाई गुडिया
मुझे उठाया पास बिठाया
साथ ले जा कर खूब घुमाया
घर न मिला न ही गोदी
कूड़े के ढेर बिठाई गुडिया
रात हुई पर सुबह न आयी
भूख लगी तो खूब चिल्लाई
कोई भी तो पास न आया
कुत्तों ने बहलाई गुडिया
किसी ने हाथ किसी ने पाँव
किसी ने जांघ किसी ने कान
टुकड़ा टुकड़ा बंट गयी तो….
कुत्तों ने भूख मिटाई गुडिया..!