नन्हा और अतीत
सच नन्हे की भूख को, कौन मिटाता यार।
नन्हा भूखा ही रहा,कलम कर गयी वार।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मित्रों समर्पित है दोहा
राहों पर मिलता नहीं , सोया हुआ अतीत ।
सपनों में है ढूंढता, करता समय व्यतीत।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम