नन्दी बाबा
भुला दिया है जीवन मेरा भूल गये हो मुझको तुम
मेरे हिसे का पीते दूध और बल दिखाते हो मुझको ।
खेत जोत कर हरा किया व भार तुमारा खीचा हैं
आधुनिक टैक्टर लाने से तुम भुलाते हो मुझको।
धर्म की बाते करते हो और गाय को माता बोले हों
नन्दी बाबा कहते थे आज तुम भगाते हो मुझको।
मेरी माँ ने दूध पिला करके तुम्हारे बच्चे पाले है
बचपन तो छीना है मेरा अब सताते हो मुझको।
चारागाह छीन लिया मेरा काट कर मास खाते हो
गो चर भूमि पर कर कब्जा बहार हटाते हो मुझको।
सरकारी लाइसेंस बनवा के बूचड़खाने चलवाते हो
भुला दिया है जीवन मेरा अब सताते हो मुझको।
लीलाधर चौबिसा (अनिल)
चित्तौड़गढ़ 9829246588