” ननदि आ भाउज “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल”
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कोना कहू हम
बड़की भौजी
आब नऽ रहब कुमारि !
भरल आजु
मधुमासक यौवन
मधुप करैत अछि मारि !!
यौवन जल
भरि गेल आजु
उद्वेलित
होइछ
लहर जकर !
उत्पात मचौने
अछि इ मन
वर्णन जूनि नहि
करब तकर !!
आब नऽ आशा
किरण देखाऊ
भने दिए
किछू हमरा गारि !
भरल आजु
मधुमासक यौवन
मधुप करैत अछि मारि !!
संगी हमर
चलि गेल
पतिक घर
फूल फुलायल
आ भरि गेल !
जे आशा
देने रहि हमरा
ओ सब
आइ हमर
जरि गेल !!
आर कतेक
दिन करब
तपस्या
हमहूँ त छी
एक सुंदर नारि !
भरल आजु
मधुमासक यौवन
मधुप करैत अछि मारि !!
जीवन -पथ
सुंदर
होइत छैक
जखन संग
कियो संगी !
बिना संग केर
किछु नहि जीवन
तार रहित सारंगी !!
शेष भेल
इ उक्ति हमर इ
लदल वृक्ष
केँ लिय सम्हारि !
भरल आजु
मधुमासक यौवन
मधुप करैत अछि मारि !!
कोना कहू हम
बड़की भौजी
आब नऽ रहब कुमारि !
भरल आजु
मधुमासक यौवन
मधुप करैत अछि मारि !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका