नदी सा प्यार
मैं भी बह रहा था झरने के जैसे
तू भी बह रहा था झरने के जैसे
मिले आज जो हम लग रहा है
बन गए है हम एक नदी के जैसे
हो गई है पहचान एक हमारी
है अब तो एक ही तक़दीर हमारी
साथ ही चलना है हर कदम पर
सागर में मिलना है मंज़िल हमारी
तेरे इस प्यार ने ही नदी बनाया है
इस झरने को नया जीवन दिया है
चलती रहे ये प्यार की नदी यूं ही
जिसके लिए झरने ने खुद को मिटा दिया है
न तू तू रहा न मैं मैं रहा
छोड़ो सोचना क्या छूट गया
तू भी उसी सांचे में और
मैं भी उसी सांचे में ढल गया
पहचान हो गई एक हमारी
ज़िंदगी अब बदल गई हमारी
साथ रहकर हर परिस्थिति में
कटेगी अब ये ज़िंदगी हमारी
मिले प्यार ऐसा ही जीवन में सबको
कहीं कोई अलग न हो जाए नदी की धारा
तू और मैं को हम बनाया जो प्यार ने
अब हम बनकर ही कटे हमारा जीवन सारा
जब झरने मिले तो नदी बने वो
है दुआ नदी सा प्यार मिले सबको
हो समंदर तक सफर साथ साथ
है दुआ, ऐसा प्यार मिले सबको।