नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
विषदंतो से बड़ी भयानक उस वाणी की बात करो।
सुबह उठे तो हिंदू मुश्लिम जाति धर्म दुर्भाव प्रखर।
लोकतंत्र का संघारक जो उस प्राणी की बात करो।।
सत्येन्द्र पटेल’प्रखर’