नदान हूँ मैं इश्क़ के रिवाज़ो से
नादान हूँ मैं इश्क़ के रिवाज़ों से,
यूं रूठकर मुझे उलझाया ना करो !!
बड़ी मुश्किल से संभलता है दिल,
दिल तोड़ के मुझे सताया ना करो !!
माना कि दूर रहते है हम आपसे,
पर दिल से कभी भुलाया ना करो !!
आंखें नम हो जाती है आपकी याद में,
यूं याद बनकर तुम रुलाया ना करो !!
गर इश्क़ नहीं तो कह दो मुझे,
मैं हँसकर मिटा दूंगा इन यादो को !!
पर नाम किसी गैर का लेकर,
दिल “तेजस “का जलाया ना करो !!
नादान हूँ मै इश्क़ के रिवाज़ों से ,
यू रूठकर मुझे उलझाया ना करो !!
“तेजस “