नज्म-मुझपे हक है तेरा,तुम जताया करो।
नज्म-मुझपे हक है तेरा,तुम जताया करो।
प्यार अपना हमें दिखाया करो,
अपने दिल से हमें तुम लगाया करो।
इश्क तुमको है हमसे हमें भी पता,
अपने दिल में न यूँ तुम छिपाया करो।
खामोशी तेरी हमें रास आती नहीं,
लफ्ज़ दो प्यार के तुम सुनाया करो।
मेरे दिल में बना है आशियाना तेरा,
मुझपे हक है तेरा,तुम जताया करो।
रूठ जाऊँ अगर मैं तुमसे यूँ ही कभी,
प्यार से फिर मुझे तुम मनाया करो।
जिंदगी में पल ख़ुशी के जो भी मिलें,
उनको ऐसे ही न तुम गँवाया करो।
By:Dr Swati Gupta