नज़र
नज़र न लगे तेरी नज़र को,
नज़र जो मिली मेरी नज़र से।
नज़र का नज़र से इशारा हो गया।
ये दिल तभी से पराया हो गया ।
जरा भी ओझल हुए नज़र से,
धड़कन जुदा हुई बदन से ।
नज़र के रस्ते, बने हैं रिश्ते ।
नज़र के रस्ते, दिल में उतरते ।।
जिंदगी में मचा धमाल है।
यही तो नज़र का कमाल हैं ।।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)