नज़र तो उनकी भी ____ शेर
नजर तो उनकी भी हमारी ही और थी।
कोई देख ना ले बस इस बात का डर था।।
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इतनी लंबी चौड़ी थी बस्ती हमारे शहर की।
शुक्र है इस बात का उनकी गली में हमारा घर था।।
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इस भरोसे पे मिलते रहे हम दोनों ही दोस्तों।
कभी तो एक होंगे दोनों को ही सबर था।।
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कारवां चलता रहा फासला कम होता गया।
खतम होने वाला अब हमारा सफर था।।
राजेश व्यास अनुनय