नज़रे हमसे मिला कर के ___ मुक्तक
नजरें हमसे मिला कर के थोड़ी सी तुम शर्मायी थी।
हमारे दिल में भी फिर थोड़ी सी हलचल आई थी।।
उसी पल से प्यार जागा _प्रीत का बंध गया धागा।
सच्चा प्यार था अपना करी हुई अपनी प्रेम सगाई थी।।
****************************************
तब से अब तक हम दोनो प्रेम पथ पर चलते ही आए।
कोई क्या लेगा कुछ अपना जले चाहे जलते ही जाएं।।
हमारा प्यार है प्यारा _ चले ऐसे ही गुजारा।
बीज जो प्यार के बोए है _ सदा वे फलते ही जाएं।।
राजेश व्यास अनुनय