सबके ऐबों को छुपाने का जिगर दे मुझको
मेरे अल्लाह मोहब्बत की नज़र दे मुझको
सबके ऐबों को छुपाने का जिगर दे मुझको
जिसने दुनिया की किसी चीज़ को अपना न कहा
किसी ऐसे बड़े इंसां की नज़र दे मुझको
मेरा रुतबा जो मिटा दे वो सबक़ दे मालिक
तेरा रुतबा जो बढ़ाए वो हुनर दे मुझको
मेरे क़दमों का कोई नक़्श ज़मीं पर न रहे
मेरे रहबर , मेरे रब , ऐसा सफ़र दे मुझको
….. शिवकुमार बिलगरामी