नजर लग गयी
मुझे नींद की यु ही तलब लग गयी
उनकी आँखों से मुझे ही नजर लग गयी
कहने को तो नींद अब खफा है मगर
नींद को भी अब तो उम्र लग गयी
दिल की हर घड़ियों में तू छिप सी गयी
आदमी हु आदमी से ही नजर लग गयी
दिल में तुम हो ये ऐसे नही मालूम था
अब तो दिल को भी दिल से खबर लग गयी ।।
:-हसीब अनवर