नजरो से तेरी
नजरो से तेरी हम पर नशा हो गया
प्यार जिससे हुआ बेवफा हो गया
दिल का रोग ऐसा कया हो गया
जिसको भी लगा बावरा हो गया
वक्त भी हमसे खिलवाड़ करने लगा है
जिसको भी चाहे उसे दूर करने लगा है
नींद गहरी हो च ख्वाब मे गुल हो किसी
वक्त अब हर ख्वाब भी तोड़ने लगा है
हुई होगी शायद कोई मुझसे ही गलती
वक्त ये अब मुझे अब समझाने लगा है