ना जा री ना जा मैया
ना जा री ना जा मैया एकली ने छोड़ कै
मां बेटी का नाजुक रिश्ता क्यों चली तू तोड़ के
जन्म लिया मैंने आंख भी ना खोली
गलती करी क्या मैं शब्द भी ना बोली
दे रही झोली क्यों भाझी जावै दौड़ के
मां बेटी का नाजुक…….
जननी बन तनै दुश्मनी निभाई
थूकैगा जग तेरे, शर्म भी ना आई
देगी के सफाई तू झूठी सच्ची जोड़ के
मां बेटी का नाजुक…….
हे ईश्वर तेरे घर न्याय कोना
गरीबों के दिल में दिन रात रोना
पड़े दुख ढोना ज्यूं डांगर ढोर के
मां बेटी का नाजुक…..
बलदेव सिंह तनै साच बतावै
कीड़े पड़ेंगे तेरे साथ ना कोईपावै
चुट चुप खावै लिकड़े सिर तेरा फोड़ के
मां बेटी का नाजुक….