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24 Nov 2024 · 2 min read

नजरिया

मेर कन कोन्या कुछ भी,
ठाकर सूं ….
इस देश में जिसके पास कुछ नहीं है ….
उनके पास ही सत्ता है !!
…….
वे गृहस्थी नहीं है,
उनके पास सैंकड़ों गृहस्थाश्रम के बिचौलियों के संगठन है,
जो उनके भोजन, आवास और वित्तीय सहायता करते हैं,
……..
उनके पास धर्म के नाम पर अंधविश्वास है, पाखंड है, गली सड़ी परम्परा, कुरीतियां है,
उनके पास आत्मविश्वास जैसा कुछ नहीं है,
……
उनके पास साधना के नाम पर, विकृत मानसिकता वाले लोगों को आकर्षित करने की कला है,
……..
पुरूष के पास पुरूषार्थ के नाम पर मेहनत है, वह करके धन का उपार्जन करता है,
स्त्रियां पढ़ लिख कर भी “शॉर्टकट” रास्ता चुनती हैं,
……..
जिन लोगों ने उन्हें अबला कहा,
पतित और शूद्र कहा,
वे ही लोभ, प्रलोभन में आकर,
अपने आदमी को सुझाव देती है, उन तक ले जाने का काम करती हैं,
……….
ज्योतिष एक गणित है,
जो वर्तमान स्थिति के कारणों को खोज कर भविष्य को प्रदर्शित करती है,
वर्तमान की समस्या को देखकर, वर्तमान समय समाधान मनुष्य खुद होता है,
. …….. ..
चुगा चुगने वाली चिडिया नजर नहीं आती,
कीड़-नाल खुली जगह नजर नहीं आती,
चौगान, चौराहे व्यस्त हैं,
बंदर लड्डू नहीं खाते,
गाय चावल खीर नहीं खाती,
कुत्ते रोटी नहीं खाते,
डाकोत काले वस्त्र नहीं पहनते,
……..
जिनको मन में भ्रम है, चिंतित हैं, डरे हुए है, नींद नहीं आती, अत्यधिक गुस्सा आता है, हीन-भावनाओं से ग्रस्त हैं, नकारात्मक विचार आते हैं , उन्हें कॉउंसलिंग की जरूरत है,
……..
वे मनोरोग से ग्रस्त हैं,
वे मनोरोग चिकित्सक से मिले,
वे महापुरुषों के जीवन दर्शन का अध्ययन करें !!!
…..
इसमें नजरिया बदल कर ही !
आदमी सुखी हो सकता है !!!

Language: Hindi
1 Like · 28 Views
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