नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले।
जिंदगी कुछ पल के लिए, आजा खुश कर ले।।
नच ले, नच ले—————————।।
यह वक़्त तो है मौज का, क्यों करें दिल को उदास।
अभी तो हम ले ले मजा, क्यों करें खुद को निराश।।
फुरसत में है आज तो, लुफ्त कुछ तू भी ले ले।
नच ले, नच ले——————————–।।
हवा में खुशबू बिखरी है, चल रही है मस्त बहार।
महका है हुस्न कलियों का,भँवरें है जिनपे हजार।।
तेरी भी कुछ प्यास तो, पूरी तू भी कर ले।
नच ले, नच ले——————————।।
स्वागत करें नव वर्ष का, नया बुने हम ख्वाब कोई।
पिछले गमों को हम दूर करें, नया चुने सफर कोई।।
जोश अपनी जिंदगी में, नया तू भी कर ले।
नच ले, नच ले—————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)