नक्षत्रों पर हाइकु
प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
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28 नक्षत्रों पर हाइकु
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01. सूर्य की पत्नी
साहस व शौर्य की
माता अश्विनी ।
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02. यम का व्रत
ये भरणी नक्षत्र
पृथ्वी धारक ।
00
03. किचपिचिया
षट तारा कृत्तिका
चंद्र की प्रिया ।
00
04. मध्य प्रदेश
रोहिणी का संकेत
चंद्राभिषेक ।
00
05. प्राण संदिग्ध
नक्षत्र का आकार
मृग का शीष ।
00
06. नभ की आद्रा
मानो अश्रु की बूँद
चमके हीरा ।
00
07. ईष्ट अदिति
पुनर्वसु के देव
हैं वृहस्पति ।
00
08. पुष्प से पुष्य
चन्द्रमा करे वास
पूनम पौष्य ।
00
09. सुप्त अश्लेषा
अधिपति हैं नाग
पूज्य देवता ।
00
10. वल प्रदाता
सत्ता, शक्ति से जुड़ा
नक्षत्र मघा ।
00
11. लेती लालिमा
पूर्वा फाल्गुनी प्रेम
असल जामा ।
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12. ये आर्यमान
उत्तरा फाल्गुनी की
मित्रता शान ।
00
13. रवि व चंद्र
हस्त पर विराजें
बनाएँ दृढ़ ।
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14. नक्षत्र चित्रा
शिल्प और सौंदर्य
रहस्य कला ।
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15. सिन्धु में सीपी
स्वाति बिन्दू की आशा
रहती प्यासी ।
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16. अग्नि व इंद्र
विशाखा नक्षत्र के
दिशा संयंत्र ।
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17. पद्म पुष्प सा
सरस्वती ध्यायिका
ये अनुराधा ।
00
18. सात्विक ज्येष्ठा
प्राण वायु सुरक्षा
धूप व वर्षा ।
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19. केन्द्र ही मूल
जड़ों को पहचानें
यही उसूल ।
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20. अपः पूजिता
अजेय पूर्वाषाढ़ा
नक्षत्र सीता ।
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21. सूर्य की प्रिया
तारा गज दन्त सा
उत्तराषाढ़ा ।
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22. तारा श्रवण
जग मापे त्रिपग
प्रभु वामन ।
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23. ध्रुव सरीखा
दिलाती है धनिष्ठा
मान प्रतिष्ठा ।
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24. राहू की दशा
नक्षत्र शतभिषा
शनि की पीड़ा ।
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25. आद्य सुंदर
पूर्वा भाद्र का पद
अजिकपद ।
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26. आकाश तत्व
उत्तर भाद्रपद
मृतक सर्प ।
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27. रेवती स्वामी
वणिक ग्रह बुध
बुद्धि दायक ।
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28. पूर्वाषाढ़ा में
अस्तित्व समाहित
ये अभिजित ।
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□ प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
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