नकारात्मकता फैलानी हो तो
नकारात्मकता फैलानी हो तो
क़लम बिना थके लगातार
लिख सकती है।
शब्दों का टोटा तो बस
सकारायमक लेखन में
पड़ता है हमेशा।
★प्रणय प्रभात★
नकारात्मकता फैलानी हो तो
क़लम बिना थके लगातार
लिख सकती है।
शब्दों का टोटा तो बस
सकारायमक लेखन में
पड़ता है हमेशा।
★प्रणय प्रभात★