नकली माल
?✒️जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की नौकरियों में ख़ास कर प्राइवेट सेक्टर में मालिक अपने कर्मचारी से हर काम समय पर या जल्दी से जल्दी पूरा होने की मंशा रखते हैं पर अमूमन स्वयं समय की पाबंदी को महत्व नहीं देते और अक्सर किसी भी तरह की कोई प्रक्रिया नहीं देकर कर्मचारियों को असमंजस की स्तिथि में डाल देते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की प्राइवेट सेक्टर में अक्सर मालिक अपने कर्मचारियों से काम तो केसर और मलाई वाले दूध की तरह का चाहते हैं और तनख्वाह छाछ के भाव की देना चाहते हैं ,यही वजह है की अक्सर या तो कर्मचारी नए अवसर की तलाश करता रहता है ,अपना पूरा 100%नहीं दे पाता है और बहुतेरे इसी वजह से या तो चोरी छुपे कोई अन्य कार्य भी करते हैं या बेईमानी करते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हर व्यक्ति अपनी कला -क्षेत्र में माहिर होता है पर अक्सर मालिक अपने कर्मचारी को अनुभवहीन साबित करने की कोशिश में लगे रहते हैं और अगर कोई कर्मचारी पूर्ण ईमानदारी -जूनून -जोश से भी काम करता है तो मालिक अपनी पुरानी असफलताओं के भय से ग्रसित होते हुए पूरा दोषारोपण पूर्व कर्मचारियों पर करते हुए आगे बढ़ने में लड़खड़ाते हैं …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की पैसा -समय और भाग्य बहुत बड़ी चीज है ,इस कलयुग में हीरा कांच के भाव बिक जाता है और कांच हीरे के भाव ,लेकिन शायद खरीददारों को भी नकली माल की आदत हो गई है …!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?