Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2016 · 1 min read

नए साल पर हों तमन्नाएं पूरी,

नए साल पर हों तमन्नाएं पूरी
सिमट जाये बढ़ते हुए दिल की दूरी

नए जोश का तन में संचार हो
सात्विक विचारों का संसार हो

राहें नई हों, दिशायें नई हों
सफलता की चारों भुजायें नई हों

उमंगें, जवां, कामनाएं नईं हों
लक्ष्यों की उगती शिराएँ नईं हों

कोई दुःख मुसीबत न जंजाल आये
जीवन में ऐसे नया साल आये

आप सभी को नव वर्ष 2017 की हार्दिक शुभकामनायें
प्रदीप तिवारी ‘धवल’

Language: Hindi
Tag: गीत
618 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
Sidhartha Mishra
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
भैया  के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से
भैया के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"तुम इंसान हो"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या दिखेगा,
क्या दिखेगा,
pravin sharma
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
खुद की तलाश में।
खुद की तलाश में।
Taj Mohammad
*फिल्म समीक्षक: रवि प्रकाश*
*फिल्म समीक्षक: रवि प्रकाश*
Ravi Prakash
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
Ravikesh Jha
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
फितरत
फितरत
Dr.Khedu Bharti
आंखों में
आंखों में
Surinder blackpen
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
फादर्स डे
फादर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
मेरे विचार
मेरे विचार
Anju
हिंदी दिवस पर एक आलेख
हिंदी दिवस पर एक आलेख
कवि रमेशराज
वयम् संयम
वयम् संयम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
महावीर की शिक्षाएं, सारी दुनिया को प्रसांगिक हैं
महावीर की शिक्षाएं, सारी दुनिया को प्रसांगिक हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
अब रिश्तों का व्यापार यहां बखूबी चलता है
अब रिश्तों का व्यापार यहां बखूबी चलता है
Pramila sultan
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
Tarun Garg
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
Exam Stress
Exam Stress
Tushar Jagawat
■ आज भी...।
■ आज भी...।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...