नए साल की मुबारक
यह चैत्र माह की है बौछार
खुशिया नये साल की है औजार
नये साल की नयी बेला में ,नयी सुरत पर खुशी का इजहार है! झलक छोटी उम्र की चरण बेला में ,नमन कर सदा खुशी की बह बहार है।
चैत्र माह की बन यह बौछार है
खुशियों को लहराने का औजार है ।
खुशी जड़ के मौसम में खुशी वट से खुशियो की सदा भरमार है।. चेत्रमाह की माह बेला पर वट से आशीर्वाद भी बक बरकरार है।
चैत्र माह की बन चेतना
चेतना का शुभ कार्यों की औजार है ।
ब्रह्मा ने किया सुत्रत्पात मन से सृष्टि की रचना का
ब्राह्मण ने किया सूत्रपात मन से नये पंचाग की रचना का
चैत्र माह की बन चेतना
चेतना जागी बन औजार
शुभ कार्यों का बन यह मोहरत
शुरु शिक्षा की तन यह शोहरत
विक्रम संवत की यही शुरुआत
दो आत्माअओ की प्रेम मुलाकात है।
चैत्र माह की बन चेतना
चेतना जागी बन औजार
बन यह चेतना चैत्र माह की शुभ मोहरत
नये सफर रख नयी राह को हैं नये सफर