नए इरादे नई बात होगी
नए इरादे नई बात होगी
ये जिंदगी यूँ ही आबाद होगी
हर पल उम्मीद हजार होंगी
जगमगायेगा हर रास्ता
इक घड़ी खुशियों की बारात होगी।
रुकना न तुम थकना न तुम
हारना न तुम बैठना न तुम
रास्ते भी नए होंगे और मंज़िल भी
साथ होगी।
जल उठेंगे लाखो दिए आशियाने में
रोशन आशाओं के दिये से हर रात होगी
जागेगी नई आस विश्वास को लेकर
अनोखी अब जग में पहचान होगी।
न कोई मुख मुरझाया न कोई शाम उदास होगी
खिल उठेगा फिर चेहरे का रंग और रंगत खास होगी।
भरकर शवास में ऊर्जा नई
तेज गति से चलना
गिरने से न डरना
गिरकर सम्भलना तुम
चल पड़ेगा फिर यूँ ही कारवां देखना
राह बनेगी ओर मंज़िल भी तुम्हारे पास होगी।।
“कविता चौहान
स्वरचित