“नई स्फूर्ति नया जोश’’
नई स्फूर्ति नया जोश
उम्मीद हो साथ, होश हो पास, उत्साह को बढ़ाना है!
नया विचार, भरपूर हो आस, स्मृति को जगाना है!
पीछे की भूल, सुधार का फूल, सुगंध को अपनाना है!
सरस हो दृष्टि, हरी भरी सृष्टि, स्वच्छता को लाना है!
सुख की अनुभूति, बेख़ौफ़ बस्ती, हिम्मत को बसाना है!
क्या खोया, क्या पाया, भूल कर,
सत्यम शिवम् सुंदरम्..का साहित्य लाना है!
नव वर्ष हो उत्कर्षमय, हों हर्षमय, ऊर्जा को बढ़ाना है????
सब्र का फल तो आना है, जान कर, आगे बढ़ जाना है!
✍?सपना
(बैंकॉक, थाईलैण्ड)