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19 Aug 2023 · 1 min read

*नई सदी में चल रहा, शिक्षा का व्यापार (दस दोहे)*

नई सदी में चल रहा, शिक्षा का व्यापार (दस दोहे)
➖➖➖➖➖➖➖➖
1)
नई सदी में चल रहा, शिक्षा का व्यापार
जनसेवा की बात अब, करना है बेकार
2)
चले कहॉं से बंधु हम, आए हैं किस मोड़
विद्यालय सौ-सौ मगर, धन-अर्जन की होड़
3)
जनसेवी का अब कहॉं, विद्यालय में काम
नेता-अफसर कह रहे, करो बंधु आराम
4)
शिक्षा में अब हो रहा, पूॅंजी सिर्फ निवेश
स्वार्थ-सिद्धि से भर गया, चौतरफा परिवेश
5)
नई सदी इक्कीसवीं, का है यह ही मर्म
धंधा विद्यालय हुआ, कहते हैं बेशर्म
6)
फ्रेंचाइजी का चल रहा, सभी क्षेत्र में जोर
मुख इसका विकराल है, अब शिक्षा की ओर
7)
जितने अच्छे हैं भवन, उतनी मोटी फीस
शिक्षा धंधा हो गई, यह ही केवल टीस
8)
धंधा बनकर रह गया, विद्यालय का काम
नई सदी में लोकहित, करता बस विश्राम
9)
सदी बीसवीं तक रही, शिक्षा पर-उपकार
नई सदी इक्कीसवीं, यह केवल व्यापार
10)
विद्यालय को खोलकर, जिस ने किया धमाल
नई सदी में हो रहा, वह ही मालामाल
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
793 Views
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