नई नई आंखे हो तो,
नई नई आंखे हो तो,
हर मंजर अच्छा लगता है,
कुछ दिन शहर में घूम लिए,
लेकिन अब घर अच्छा लगता है।
मिलने जुलने वाले में तो,
सब ही अपने जैसे हैं,
जिनसे अब तक मिले नहीं,
वो अक्सर अच्छा लगता है।
हमने भी सोकर देखा है,
नए पुराने शहरों में,
जैसा भी हो, अपने घर का,
बिस्तर अच्छा लगता है…