नई दुनिया बनानी है
जहां वक्त हो सबके पास अपनों के साथ बिताने के लिए
जहां मोबाइल नहीं किताबें हो कहानियाँ सुनाने के लिए
जहां दादा दादी हों बच्चों को घुमाने के लिए
जहां चिड़ियाँ चहचहाती हों ख़ुशी दिखाने के लिए
जहां स्कूल हों , किताबें हों हर बच्चे के लिए
जहां सुरक्षा हों , हर बेटी और बहु के लिए
जहां नौकरी हों , हर इंसान के लिए
जहां सब कुछ हो, सकारात्मक
परीलोक की कल्पना जैसा सब अच्छा
सब कुछ अच्छा !