नंदक वन में
पाप की गठरी बढ़ती जाये भूला भूल भुलैया रे।
नंदक वन में राधा नाचें कृष्ण करें ता-थइयां रे।।
ढोलक और नगाड़े बाजें राह चले शमशान की।
रोये बाबुल तड़पी माता विदा हुई चल पालकी।।
सुख का नाता दुःख का बंधन चक्र विश्व के ज्ञाता का।
कपट भुला दे नेकी करले नाम जपा कर दाता का।।
मन में रंभा और मेनका चला शिवालय बाबा रे।
नंदक वन में राधा नाचें कृष्ण करें ता-थइयां रे।।
सत्यम शिवम् सुंदरम पथ हो वाणी वेद पुराण की।
बौद्ध भिक्षु की महिमा न्यारी सत्य अहिंसा प्यार की।।
जन्नत यहाँ छिपी दोजख भी कर्म तुम्हारे पारखी।
जीसस का उपदेश यही है आयत यही कुरान की।।
खोया मोह जाल में प्राणी पिया जहर का प्याला रे।
नंदक वन में राधा नाचें कृष्ण करें ता-थइयां रे।।