नंग–देह;अनंग-देह
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नंग देह की नग्नता
भौतिक का भूगोल।
चिबुक,ओंठ,ग्रीवा,ललाट
नयन,पलक, रहें बोल।
देह अनंग की नग्नता
ईश्वरता का बोध।
आद्य पुरुष को ढ़ूँढ़ना
खुद का करना “शोध”।
नंग देह की नग्नता
काम,रति का अँकवार।
पुष्प-पराग के गंध से
ज्यों भंवरे का गुंजार।
देह अनंग की नग्नता
सृष्टि का कल्याण।
तर्क अतर्क को व्याख्यित कर
“दर्शन” और अध्यात्म।
नंग देह की नग्नता
रंग,रूप,सौन्दर्य।
क्रूरता की पराकाष्ठा
वज्र देह व शौर्य।
नंग देह की सार्थकता
व्यर्थता का बोध।
अनंग देह की अव्यर्थता
सत्यता से संयोग।
देह अनंग की नग्नता
स्रष्टा का संधान।
गुप्त मनुज में खोजना
लुप्त हुआ पहचान।
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